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State Annual Budget 2016-17 Speech (Main Points on Tourism, Art and Culture)


State Annual Budget 2016-17 Speech (Main Points on Tourism, Art and Culture)

राज्य बजट 2016—17 का भाषण के मुख्य बिन्दु (पर्यटन, कला एवं संस्कृति)

पर्यटन, कला एवं संस्कृति:

  • व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु 62 करोड़ 33 लाख रुपये का प्रावधान किया जाना प्रस्तावित है। साथ ही, प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों के विकास के लिए इस वर्ष के संशोधित प्रावधान के मुकाबले 79 प्रतिशत वृद्धि कर आगामी वर्ष में 62 करोड़ 16 लाख रुपये का प्रावधान किया जा रहा है।
  • राज्य की हवाई पट्टियों के सुधार एवं विकास हेतु आगामी वर्ष में 17 करोड़ 88 लाख रुपये का प्रावधान किया जाना प्रस्तावित है।
  • आमेर, नाहरगढ़, अलबर्ट हाॅल, जंतर-मंतर, हवामहल, विद्याधर का बाग, सिसोदिया रानी का बाग एवं परियों के बाग के विकास एवं संधारण के लिए आगामी वर्ष में 22 करोड़ 60 लाख रुपये का व्यय किया जाना प्रस्तावित है।
  • आगामी वित्तीय वर्ष में सवाईमाधोपुर एवं झालावाड़ में State Institute of Hotel Management तथा धौलपुर एवं बारां में Food and Craft Institutes की स्थापना की जायेगी। साथ ही, उदयपुर के Food and Craft Institute को State Institute of Hotel Management में अपग्रेड किया जायेगा।
  • जवाहर कला केन्द्र, जयपुर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के visual and performing arts जैसे थियेटर, संगीत एवं नृत्य का केन्द्र बनाने के लिए आगामी वर्ष में कुल 7 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।
  • Rajasthan Oriental Research Institute जोधपुर में प्राचीन दुर्लभ सचित्रा हस्तलिखित ग्रंथों का अमूल्य संग्रह है। इस दुर्लभ सांस्कृतिक धरोहर की पहुँच आमजन तक हो सके, इस हेतु संग्रहालय में ग्रंथों एवं चित्रों को सुसज्जित किया जायेगा, साथ ही शोधकर्ताओं को इस प्रतिष्ठान में उपलब्ध 30 हजार पुस्तकों का अध्ययन करने हेतु 1 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से आधुनिक संदर्भ पुस्तकालय की स्थापना की जायेगी।
  • सत्राहवीं शताब्दी से बीसवीं शताब्दी तक के प्रशासनिक, राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज बीकानेर के अभिलेखागार में संग्रहित हैें। इन्हें शोधकर्ताओं, पर्यटकों एवं आमजन के लिए प्रदर्शित करने के लिए 10 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से एक museum की स्थापना की जायेगी।
  • अजमेर स्थित शैक्षणिक फिल्म library में अत्यन्त दुर्लभ फिल्में उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ आजादी से पूर्व के मूल प्रिंट भी हैं।
  • library में उपलब्ध दुर्लभ और प्राचीन फिल्मों को डिजिटाइज् करवाकर हैरीटेज के रूप में विकसित करने तथा उच्च स्तर की library की स्थापना हेतु 2 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया जा रहा है।
  • जयपुर कथक केन्द्र परिसर के सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण के लिए 1 करोड़ 65 लाख रुपये का प्रावधान किया जाना प्रस्तावित है।
  • संस्कृत भाषा एवं उसके साहित्य के विकास एवं प्रोत्साहन करने की दृष्टि से जयपुर के गणगौरी बाजार में राजस्थान संस्कृत अकादमी के भवन को वैदिक हेरिटेज, पांडुलिपि संरक्षण एवं शोध केन्द्र के रूप में संचालित किया जायेगा। इस हेतु 1 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है।
  • आगामी वर्ष में संत रैदास पेनोरमा, चित्तौड़गढ़, पाबूजी का पेनोरमा, कोलू-जोधपुर, नागरीदास पेनोरमा किशनगढ़-अजमेर, कालीबाई पेनोरमा-डूंगरपुर, पन्नाधाय पेनोरमा कमेरी-राजसमन्द, हसनखां मेवाती पेनोरमा-अलवर, राष्ट्रीय जनजाति संग्रहालय, मानगढ़धाम-बांसवाड़ा, बप्पारावल पेनोरमा मठाठा-उदयपुर, महाकवि माघ एवं गणितज्ञ ब्रह्गुप्त पेनोरमा भीनमाल-जालौर, महाराणा राजसिंह पेनोरमा राजसमन्द एवं धन्ना भगत पेनोरमा जिला टोंक के कार्य 15 करोड़ रुपये की लागत से करवाये जायेंगे।

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