Main points of Mukhyamanti Janawas Yojna and rajasthan-land-allotment-policy
मुख्यमंत्री जनआवास योजना एवं नगरीय भूमि आवंटन नीति
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने 26 सितम्बर 2015 को मुख्यमंत्री जनआवास एवं राजस्थान के नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिये भूमि आवंटन नीति जनता को समर्पित की। इससे आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को आसानी से आवास मिलेंगे तथा राजस्थान में निवेश को वांछित गति मिलेगी।
नीति के मुख्य बिन्दु
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का वर्ष 2022 तक सभी को आवास उपलब्ध कराने का सपना है। इस नीति के लागू होने से राज्य 2018 तक ही इस इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा। सरकार ने वर्ष 2009 में जारी अफोर्डेबल हाउसिंग पाॅलिसी की खामियों को दूर करते हुए सभी संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श कर नई जनआवास योजना तैयार की है।
- इस नीति में डवलपर्स के लिये ऐसे प्रावधान किये गये हैं जिनसे वे आर्थिक रूप से कमजोर और अल्प आय वर्ग के लिये आवास बनाने के लिये प्रेरित हो सकें।
- नई नीति में बिल्डर्स को अधिक स्वतंत्रता देने के साथ ही निर्धारित समय से पहले प्रोजेक्ट पूरा करने पर इन्सेन्टिव्स की व्यवस्था है।
- प्रोजेक्ट में अनावश्यक विलम्ब करने पर दंडात्मक प्रावधान भी किये गये हैं।
- राजस्थान के नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्ेश्यों के लिये भूमि आवंटन नीति-2015 शहरी क्षेत्र में भूमि आवंटन की प्रक्रिया को तेज, आसान एवं पारदर्शी बनाया गया है।
- पूर्व में सामाजिक एवं चैरिटेबल संस्थाओं को ही ध्यान में रखकर नीति बनाई गई थी। अब सरकार ने इनके साथ-साथ औद्योगिक, जनोपयोगी, शीर्ष संस्थाओं एवं सरकारी विभागों को सम्मिलित किया है।
- नीति के अंतर्गत आवेदन एवं निगरानी प्रक्रिया को पूरी तरह स्पष्ट किया गया है ताकि भूमि आवंटन में पारदर्शिता बनी रहे।
- सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि जिस उद्देश्य के लिये भूमि आवंटित की गई है। वह उसी के काम में आए।
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