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Ras Syllabus Notes: Wild life in Rajasthan facts in hindi



राजस्थान में वन जीवन

  स्वतंत्रता के बाद वन्य जीवो के संरक्षण के लिए 7 नवम्बर, 1955 को अलवर के सरिस्का, कोटा के दरा, सवाई माधोपुर के कैला देवी अभयारण्य, उदयपुर के जयसमन्द, धौलपुर के वन विहार और भरतपुर के केवलादेव को आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया.
  आज प्रदेश में 3 राष्ट्रीय उद्यान (रणथम्भौर, केवलादेव, दरा), 26 वन्य जीव अभयारण्य और 3 बाघ अभयारण्य (रणथम्भौर, सरिस्का और मुकन्दरा हिल्स) हैं.
  प्रदेश मे कुल वन क्षेत्र 32,828.35 वर्ग किमी है, जिसमें से 12352.78 वर्ग किमी क्षेत्र आरक्षित है.



  राजस्थान में वन क्षेत्र कुल भौगोलिक क्षेत्र का 9.59 प्रतिशत है.
  प्रदेश में 16 हजार 171 वर्ग किलोमीटर में वनावरण है. (2015 के अनुसार)
  राजस्थान में 8 हजार 269 वर्ग किमी में कुल वृक्षावरण है.
  राजस्थान का राजय पशु चिंकारा और ऊंट हैं.
  राजस्थान का राज्य पक्षी गोडावण हैं.
  राजस्थान का राज्य पुष्प रोहिड़ा है.
  राजस्थान में कुल 24 महत्पवूर्ण पक्षी स्थल है.
  राज्य में 10 कन्जर्वेशन रिजर्व हैं.
  राजस्थान में पानी में रख्हने वाले 15 प्रकार के सरीसृप पाए जाते हैं, जिनमें मगर, घड़ियाल, 11 प्रकार के कछुए और दो जातियों के सापं शामिल हैं.
  घड़ियाल कोटा संभाग के चंबल और इसकी सहायक नदियो में पाए जाते हैं.
 मगर पूर्वी राजस्थान में स्थित रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान के जलाशयों में पाए जाते हैं.
  राजस्थान में जमीन पर रहने वाले 1 और पानी में रहने वाली कछुओं की 11 प्रजातियां मिलती हैं.
  कछुओं का प्रमुख आवास पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान का अधिक वर्षा और तालाबों वाला भूभाग है.



  राजस्थान में जलीय कछुओं में पांच जातियों की संख्या अधिक है जिसमें हर्डेला, लेसीमिस, जीओक्लेमिस और ट्रायोनिक्स वंश प्रमुख है.
  एक मात्र थलीय कछुआ जीओकीलोन एलीगेन्स मध्य राजस्थान से दक्षिण भाग तक मिलता है. इसकी पीठ पर पीली धारियों के तार बने होते हैं.
  छिपकली वर्ग में राजस्थान में छह कुल पाए जाते हैं. राजस्थान में युब्लेफरिस प्रजाति की मोटी पूंछ की छिपकली पाई जाती है. इसके शरीर पर सफेद, पीले, काले तथा मटमैले रंग का सुन्दर विन्यास होता है.
  राजस्थान में सांपो के 8 कुल पाए जाते हैं. इनमें से पहले 6 कुलों की 26 जातियां विषहीन होती हैं. राजस्थान के कुल पाए जाने वाले सांपों में से 13 प्रतिशत ही जहरीली है.
  राजस्थान के पाए जाने वाले सांपों में नाग, करायत, रसैल वाइपर तथा पड शामिल है.
 राजस्थान का सबसे लंबा और भारी सांप बोई्डी कुल का अजगर है। यह सांप केवलादेव, भरतपुर में पाया जाता है.
  बोइडी कुल की दुमुंही पूरे राजस्थान में पाई जाती है.


राजस्थान के वन अभयारण्य, राष्ट्रीय उद्यान और बाघ संरक्षित क्षेत्र की सूचीः






अभयारण्य
जिला
स्थापना
रणथंभौर
सवाई माधोपुर
1980
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
भरतपुर
1981
सरिस्का वन्य जीव अभ.
अलवर
1955
मरू वन्य जीव अभयारण्य
जैसलमेर-बाड़मेर
1981
तालछापर वन्य जीव अभ
चूरू
1971
दरा वन्य जीव अभयारण्य
कोटा-झालावाड़
1955
रामगढ़ विषधारी अभ.
बूंदी
1982
कुंभलगढ़ अभयारण्य
उदयपुर, राजसमंद पाली
1971
सीतामाता अभयारण्य
उदयपुर प्रतापगढ़
1979
माउंट आबू वन्य जीव अभ
सिरोही
1960
फुलवारी की नाल अभ.
उदयपुर
1983
जयसमंद वन्य जीव अभ.
उदयपुर
1955
वनविहार वन्य जीव अभ
धौलपुर
1955
राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभ.
कोटा, सवाई माधोपुर
1979
भैंसरोडगढ़ वन्य जीवन अभ
चित्तौड़गढ़
1983
बंध बारेठा वन्य जीव अभ.
भरतपुर
1985
सवाईमान सिंह अभयारण्य
सवाई माधोपुर
1984
टाटगढ़ रावली अभयाण्य
अजमेर, पाली राजसमंद
1983
कैलादेवी वन्य जीव अभ.
करौली, सवाई माधोपुर
1983

नाहरगढ़ वन्य जीव अभ.
जयपुर
1980
जमवारामगढ़ वन्य जीव अभयारण्य
जयपुर
1982
रामसागर वन्य जीव अभ.
धौलपुर
1955
बस्सी वन्य जीव अभयारण्य
चित्तौड़गढ़
1988
केसरबाग वन्य जीव अभ.
धौलपुर


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