Rajasthan GK-Rajasthan current affairs weekly (12 October- 18 October)
घर और संस्थानों की छतों पर 25 मेगावॉट क्षमता के सोलर रूफ टॉप सिस्टम स्थापना को स्वीकृति
भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राजस्थान में 25 मेगावॉट क्षमता के सोलर रूफ टॉप सिस्टम स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की गई है। राजस्थान में विभिन्न क्षमताओं की रूफ टॉप प्रणालियों की स्थापना किये जाने के लिए राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड द्वारा 25 आपूर्तिदाताओं का चयन किया गया है। सोलर रूफ टॉप प्रणालियों की स्थापना के इच्छुक लाभार्थी इस योजना के तहत 1 किलोवॉट से 500 किलोवॉट क्षमता के प्रोजेक्ट स्थापित करवा सकेंगे। रूफ टॉप प्रणाली की स्थापना पर भारत सरकार द्वारा 30 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जावेगी तथा अनुदान का लाभ समस्त रिहायशी भवनों, नॉन प्रोफिट संस्थानों यथा स्कूल, हॉस्टल, हॉस्पिटल आदि तथा गैर लाभ वाले सामाजिक संस्थान यथा सामूदायिक भवन, ट्रस्ट, एन.जी.ओ. आदि को दिया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत राजकीय भवन एवं संस्थाएं, निजी वाणिज्यिक संस्थान तथा औद्योगिक क्षेत्र के भवन शामिल नहीं होंगे। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग द्वारा 26 फरवरी, 2015 को नैट मीटरिंग रेग्यूलेशन जारी किया गया है, जिसके तहत रूफ टॉप एस.पी.वी. सिस्टम से उत्पादित की जाने वाली बिजली का लाभ लाभार्थी को दिया जायेगा। नैट मीटरिंग रेग्यूलेशन के अनुसार सोलर पॉवर प्लांट से उत्पादित अतिरिक्त ऊर्जा, जो ग्रिड में जायेगी, का भुगतान राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष में लागू की गई निर्धारित दरों पर डिस्कॉम्स द्वारा लाभार्थी को किया जायेगा। नैट मीटरिंग रेग्यूलेशन के अनुसार इच्छुक लाभार्थी अपने कनेक्टेड/सेंक्शन्ड लोड का अधिकतम 80 प्रतिशत तक का रूफ टॉप सिस्टम लगवा सकता है। यदि लाभार्थी एक किलोवॉट से 10 किलोवॉट तक का रूफ टॉप सिस्टम लगवाता है तो 47 हजार 845 रुपये प्रति किलोवॉट, 10 किलोवॉट से अधिक व 50 किलोवॉट से कम के सिस्टम की कीमत 44 हजार 275 रुपये प्रति किलोवॉट एवं 50 किलोवॉट से अधिक तथा 500 किलोवॉट तक के सिस्टम की कीमत 41 हजार 930 रुपये प्रति किलोवॉट देय होगी। यह राशि 30 प्रतिशत अनुदान के उपरान्त है।
सवाई मानसिंह अस्पताल में ब्रेस्ट रिकन्सट्रक्शन और इम्युनोलॉजी क्लिनिक की स्थापना
सवाई मानसिंह अस्पताल में स्तन कैंसर के रोगियों को एक ही छत के नीचे उपचार के साथ ही ब्रेस्ट रि-कन्सट्रक्शन के लिए स्थापित की गयी नयी ब्रेस्ट क्लिनिक का शुभारम्भ किया गया है। प्रदेश के राजकीय चिकित्सा संस्थानों में पहली बार स्थापित इस क्लिनिक से स्तन कैंसर के रोगियों को ब्रेस्ट रिमुवल के बाद ब्रेस्ट रि-कन्सट्रक्शन की सुविधा मिल सकेगी। साथ ही इम्युनोलॉजी क्लिनिक का भी शुभारम्भ किया गया। इस क्लिनिक में गठिया सहित इम्युनोलॉजिकल डिजीज की जांच व उपचार की व्यवस्था की गयी है।
जयपुर में 20 अक्टूबर से ’वस्त्र-2016’
अंतर्राष्ट्रीय वस्त्र एवं परिधान के प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के 5वें संस्करण, ’वस्त्र-2016’ की 20 अक्टूबर को जयपुर में शुरूआत होगी। यह विशाल प्रदर्शनी सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र स्थित जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में आयोजित की जायेगी। राजस्थान स्टेट इंडस्टि्रयल डवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लि0 (रीको) द्वारा फैडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से आयोजित किये जा रहे इस मेले को राजस्थान सरकार का सहयोग प्राप्त है।
डॉ. कलाम के जन्म दिन को ‘विद्यार्थी दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा
राजस्थान के विद्यालयों में 15 अक्टूबर को पूर्व राष्ट्रपति एवं मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिन ‘विद्यार्थी दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। विद्यालयाें में इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस दिन विद्यालयो में सृजनात्मक गतिविधियों के साथ ही बच्चों के लिए संस्था प्रधानों द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इस दिन विद्यार्थियों की नेतृत्व क्षमता, उनके बौद्धिक कौशल को विकसित करने जैसे आयोजन विद्यालयों में होंगे।
प्रसव सखी से प्रसूता को मिलेगा भावनात्मक सहयोग
राजस्थान में मातृ मृत्युदर एवं शिशु मृत्युदर को कम करने के उद्देश्य से प्रारम्भ की गयी प्रसव सखी योजना प्रसूताओं को प्रसव के समय भावनात्मक सहयोग प्रदान करने की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। फिलहाल पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश के अधिक प्रसवभार वाले 30 राजकीय चिकित्सालयों में ‘प्रसव सखी‘ योजना को 2 अक्टूबर, 2016 से प्रारंभ किया गया है। इनमें चुनिंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामिल है। इस योजना के तहत प्रसव के समय प्रसूता के साथ उसके परिवार की स्वस्थ एवं व्यावहारिक महिला का प्रसव सखी के रूप में सहयोग लिया जा रहा है। प्रसव सखी डिलीवरी के समय प्रसूता को भावनात्मक रूप से सहयोग देने के साथ ही जन्म के तुरंत बाद ही शिशु को स्तनपान प्रारंभ करवाने में भी अहम् भूमिका निभा रही है। प्रसव के बारे में अनुभवी परिवार की ही महिला के प्रसव सखी के रूप में मौजूद रहने से प्रसूता सहजता महसूस करती है। प्रसव सखी प्रसूता के साथ प्रसव से पूर्व, प्रसव के दौरान एव प्रसव के पश्चात् उपस्थित रहकर प्रसूता को भावनात्मक संबल प्रदान करती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह सिद्ध किया है कि विकासशील देशों में मातृ स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने के लिए प्रसव सखी का महत्वपूर्ण योगदान हैं। हमारे देश में प्रसव सखी प्रोग्राम तमिलनाडु व छत्तीसगढ़ में भी प्रारम्भ किया जा चुका है।
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