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Rajasthan Gk: art and craft of Bharatpur

भरतपुर की चित्रकला व हस्तकला

ब्रज क्षेत्र में होने के कारण यहां के चित्रकार कृष्ण लीला के चित्र बड़ी संख्या में तैयार करते हैं। उनमें श्रीकृष्ण के बाल व युवा दोनों रूपों का बेहतरीन समन्वय हुआ है। इतना ही नहीं श्रृंगारिक चित्रों में नायिका भेद बारहमासा, रागमाला आदि में अधिकांशत: कृष्ण ही नायक के रूप में चित्रित हैं। ये चित्र आज भी पुरानी हवेलियों मन्दिरों एवं छतरियों में मौजूद हैं।
भरतपुर जिले में आजीविका उपार्जन हेतु ग्रामीण उद्योग धन्धे, दस्तकारी एवं हस्तकला भी अपना स्थान बनाए हुए हैं। पत्थर के खिलौने, टेबल लैम्प व अन्य सजावटी वस्तुएं खेमराकलां व दाहिना गांव में ​तथा मकराने के सफेद पत्थर से मूर्तियां बनाने का काम रसिया, सीकरी व कामां में होता है जबकि मुड्डा बनाने का काम गुदावली, जीवद, इन्दरोली, नगला बीजा में किया जाता है। चिन्दी दरियों का निर्माण नयागांव, रूपवास, सिनसिनी, खोह, बहनेरा, मई गूजर आदि गांवों में होता है।


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