Header Ads

Dialects and Costumes of Alwar

अलवर की बोलियां और वेशभूषा


वर्तमान में इस जिले में चार बोलियां उपयोग में लाई जाती है। जिले के पूर्वी भाग में ब्रज, पश्चिम में अहीरवाटी, उत्तर में मेवाती तथा दक्षिण भाग में ढूंढारी बोली इस्तेेमाल की जाती है। प्रमुखत: यहां मेवाती और अहीरवाटी बोली का ही प्राधान्य माना जाता है। ब्रज भाषा के प्रभाव जिले के लक्ष्मणगढ़ तहसील में ढूंढारी का प्रभाव राजगढ़, थानागाजी एवं बानसूर तहसीलों में पाया जाता है। जिले में मुख्यत: ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य, मेव, मीणा, गुर्जर एवं अहीर जाति के लोग हैं। अन्य जिलों की भांति यहां कि निवासियों की वेशभूषा सादि है। गांवों के पुरूष धोती—अंगरखी, कुर्ता व पगड़ी पहनते हैं तथा स्त्रियां लहंगा, ओढ़नी और कब्जा पहनती है जबकि शहर के निवासियों की वेशभूषा मे आधुनिकता का समावेश है।
सभी नोट्स डाउनलोड करने के लिये क्लिक करें:

No comments

Powered by Blogger.