Agriculture in Rajasthan-राजस्थान में कृषि परिदृश्य
Agriculture in Rajasthanराजस्थान में कृषि परिदृश्य
- राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 20 प्रतिशत है।
- सरसों, ग्वारगम, ईसबगोल, बीज, मसाले, ऊन तथा मेहंदी के उत्पादन में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है।
- चना, दूध तथा मोटे अनाजों के उत्पादन में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है।
- आॅयलसीड, लहसुन, मसाले तथा आंवला उत्पादन में राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर है।
- राजस्थान में कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए एग्रो फूड पार्क उचित क्षेत्र है।
- राजस्थान में संतरे, किन्नू, अनार, ग्वार गम, मसाले, माल्ट के लिए जौ, मक्का आदि के कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश की आपार संभावनाएं हैं।
- इसबगोल और आलू प्रसंस्करण में भी निवेश के विपुल अवसर हैं।
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बागवानी के क्षेत्र में निवेश के लिए एक अच्छा अवसर है।
- बागवानी, भण्डारण और आपूर्ति श्रृंखला , हर्बल उत्पादों के प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश के लिए अच्छा अवसर है।
राजस्थान कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि विपणन प्रोत्साहन नीति-2015
- 5 नवम्बर 2015 को राजस्थान कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि विपणन प्रोत्साहन नीति-2015 जारी की।
- राजस्थान कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि विपणन प्रोत्साहन नीति-2015 राज्य में कृषि प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
- इस नीति का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन का प्रोत्साहन एवं फसलोत्तर हानि में कमी द्वारा किसानों को उनके उत्पाद का अधिकाधिक लाभकारी मूल्य दिलाना है।
- इस नीति के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा अनेक वित्तीय प्रोत्साहन देने के साथ-साथ प्रक्रिया के सरलीकरण पर भी जोर दिया गया है।
- यह नीति राज्य में इस क्षेत्र में मानव संसाधन के विकास को प्रोत्साहित करेगी ।
- कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि विपणन प्रोत्साहन नीति के तहत दो प्रकार से प्रावधान किये गये हैं।
- राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2014 में कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि विपणन क्षेत्र को अन्य क्षेत्रों के समान प्राप्त होने वाले प्रोत्साहनों के अतिरिक्त इस क्षेत्र को पर्यटन, कपड़ा, ऊर्जा आदि क्षेत्रों की तर्ज पर प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में जोड़ कर सामान्य से अधिक वित्तीय प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया गया है।
- उद्योग संवर्धन ब्यूरो द्वारा संचालित राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2014 में फसलोत्तर प्रबन्धन गतिविधियों को प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में 5 वर्ष तक 5 प्रतिशत सावधि ऋण पर ब्याज अनुदान, 7 वर्ष तक विद्युत कर, भूमि कर एवं मण्डी शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट, मुद्रांक शुल्क एवं भू-रूपान्तरण शुल्क में तथा उपकरण एवं मशीनरी प्रदेश से बाहर से लाने पर प्रवेश शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट दी गई है।
- उद्यमियों द्वारा प्रसंस्करण क्षेत्र में 25 लाख रुपये तक निवेश पर 30 प्रतिशत निवेश अनुदान, 20 प्रतिशत रोजगार सृजन अनुदान 7 वर्ष तक जमा कराये गये वैट एवं केन्द्रीय बिक्री कर पर देय होगा, जबकि 25 लाख से अधिक निवेश पर 60 प्रतिशत निवेश अनुदान, 10 प्रतिशत रोजगार सृजन अनुदान 7 वर्ष तक जमा कराये गये वैट एवं केन्द्रीय बिक्री कर पर देय होगा।
- विद्युत कर, भूमि कर, मण्डी शुल्क में 7 वर्ष तक 50 प्रतिशत छूट, मुद्रांक शुल्क एवं भू-रूपान्तरण शुल्क में तथा उपकरण एवं मशीनरी प्रदेश से बाहर से लाने पर प्रवेश शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट देय होंगी।
- पशुदाना/कुक्कुट दाना निर्माण पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान सावधि ऋण पर 5 वर्ष तक या ऋण चुकाने की अवधि तक जो भी पहले हो, अनुदान देय होगा।
- 100 करोड़ व इससे अधिक के निवेश या 250 व्यक्तियों के रोजगार सृजन पर अनुकूलित पैकेज देय होगा। फूड पार्क स्थापित किये जाने पर भूमि के प्रथम स्थानान्तरण पर 50 प्रतिशत मुद्रांक शुल्क में छूट भी देय होगी।
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