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Rajasthan Modified Budget 2019-20 Important Points for exam

Rajasthan Modified Budget 2019-20 Important Points for exam


राजस्थान परिवर्तित बजट 2019-20 के प्रमुख परीक्षा उपयोगी बिन्दु 


परिवर्तित बजट वर्ष 2019-20 के प्रमुख बिन्दु राजकोषीय संकेतक

▪ वर्ष 2019-20 के परिवर्तित बजट अनुमानों में 2 लाख 32 हजार 944 करोड़ 1 लाख का कुल व्यय अनुमानित

▪ वर्ष 2019-20 के परिवर्तित बजट अनुमानों में 1 लाख 64 हजार 4 करोड़ 64 लाख की राजस्व प्राप्तियां अनुमानित

▪ वर्ष 2019-20 के परिवर्तित बजट अनुमानों में 1 लाख 91 हजार 19 करोड़ 61 लाख का राजस्व व्यय

▪ वर्ष 2019-20 के परिवर्तित बजट अनुमानों में राजस्व घाटा 27 हजार 14 करोड़ 97 लाख

▪ वर्ष 2019-20 का राजकोषीय घाटा 32 हजार 678 करोड़ 34 लाख जो जीएसडीपी का 3.19 प्रतिशत है

▪ वर्ष 2019-20 के परिवर्तित बजट अनुमानों में कुल ऋण एवं अन्य दायित्व, राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 33.13 प्रतिशत अनुमानित



कृषिः

 इज आफ डूइंग बिजनेस की तर्ज पर इज आफ डूइंग फार्मिंग की ओर पहला बड़ा कदम उठाते हुए 1000 करोड़ के ‘कृषक कल्याण कोष’ का गठन.

 बांसवाड़ा, टोंक एवं सिरोही की 36 ग्राम पंचायतों के 20 हजार किसानों को शामिल करते हुए 10 करोड़ की लागत से जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग का प्रारम्भ.

 1 लाख मैट्रिक टन डीएपी एवं 2 लाख मैट्रिक टन यूरिया का अग्रिम भंडारण.





 उन्नत कृषि तकनीक को सरल तरीके से किसानों तक पहुंचाने के लिए ‘कृषि ज्ञान धारा कार्यक्रम’ पर 2 करोड़ का व्यय.

 कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात के प्रोत्साहन हेतु नीति.

सहकारिताः

 किसानों हेतु फरवरी, 2019 से किसान सेवा पोर्टल शुरू, अब तक 50 लाख किसानों द्वारा उपयोग.

 6 हजार करोड़ चुकाकर किसानों को अल्पकालीन फसली ऋणों का पूरा लाभ.

 30 नवम्बर, 2018 तक बकाया 9 हजार 513 करोड़ के अल्पकालीन फसली ऋण माफ किये इससे 20 लाख 46 हजार किसानों को राहत. 2 लाख के मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन कृषि ऋण माफ करने से 110000 बीघा भूमि रहन मुक्त.

 केन्द्रीय सहकारी बैंकों से 16000 करोड़ के अल्पकालीन फसली ऋण वितरण का लक्ष्य. ब्याज मुक्त ऋण योजना यथावत रखते हुए इसके लिए सहकारी बैंकों को 150 करोड़ की अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जायेगी.

 वर्ष 2019-20 में 100 जीएसएस एवं 20 क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण.

पशुपालनः

 इस वर्ष 400 सहित आगामी 5 वर्षों में 1478 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर नवीन पशु चिकित्सा उप-केन्द्र.

 जोधपुर में एक नवीन पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय.

 प्रत्येक पंचायत समिति पर नन्दी-शालाओं की स्थापना.


सार्वजनिक निर्माणः

 5 सालों में सड़क तंत्र पर 35 हजार करोड़ का खर्च, इस वर्ष 6 हजार 37 करोड़ का प्रावधान.

 डामर सड़क से 500 से अधिक की आबादी वाले वंचित 1009 गांवों को आगामी चार वर्षों में 1000 करोड़ का व्यय कर सड़कों से जोड़ना.

जयपुर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, नागौर, सीकर, बीकानेर व भीलवाड़ा जिलों के 435 किलोमीटर लम्बाई के 6 राज्य राजमार्गों का 927 करोड़ की लागत से विकास.

 इस वर्ष 2 आरओबी एवं 32 आयूबी का निर्माण प्रारंभ.

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 250 करोड़ की लागत से 2394 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों का नवीनीकरण.

▪ जनजाति व रेगिस्तानी ग्रामीण इलाकों में नाबार्ड योजना में 337 करोड़ की लागत से 2200 किलोमीटर एवं शेष सामान्य ग्रामीण क्षेत्रों में 463 करोड़ से 2 हजार 568 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों का सुदृढ़ीकरण व नवीनीकरण.

▪ समस्त ग्राम पंचायतों पर ‘विकास पथ‘ उपलब्ध करवाकर कुल 10000 किलोमीटर की वॉल टू वॉल सड़कों का निर्माण.

▪ जोधपुर में पावटा रोड से आकलिया चैराहे तक ऐलीवेटेड रोड की डीपीआर.

ऊर्जाः

▪ आगामी 7 वर्षों में परंपरागत स्रोतों से 6000 मेगावाट का अतिरिक्त विद्युत उत्पादन.

▪ नवीन सौर ऊर्जा नीति.

▪ नई पवन ऊर्जा नीति.

▪ 5 वर्षों में 1426 मेगावाट की पवन ऊर्जा एवं 4885 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना.

▪ किसानों की अनुपयोगी भूमि पर 600 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्रों का कार्य.

▪ जोधपुर में 765 केवी का एक ग्रिड सब-स्टेशन एवं चरणबद्ध रूप से 220 केवी के तीन एवं 132 केवी के 13 ग्रिड सब-स्टेशनों का निर्माण, 2378 करोड़ का व्यय.

▪ वर्ष 2019-20 में 1 लाख नवीन कृषि कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य.

▪ किसानों को कुसुम योजना में सोलर पंप सेट.

▪ आगामी चार वर्षों में कृषि कनेक्शनों के लिए फीडरों की स्थापना हेतु 5200 करोड़ की योजना.

▪ आगामी 3 वर्षों में 33 केवी के सब-स्टेशनों पर 600 नये ट्रांसफार्मर, जिस पर 500 करोड़ का व्यय.

▪ शहरी क्षेत्रों में 80000 वितरण ट्रांसफार्मरों पर स्मार्ट मीटरों की स्थापना.

▪ नाथद्वारा एवं पुष्कर में विद्युत लाइनों को भूमिगत करना.

जल संसाधन एवं सिंचित क्षेत्र विकासः

▪ राजस्थान फीडर एवं सरहिन्द फीडर हेतु एमओयू कुल 1 हजार 976 करोड़ 75 लाख का प्रावधान। इस वर्ष 220 करोड़ 37 लाख का व्यय.
▪ राजस्थान जल क्षेत्रा पुनर्संरचना परियोजना’ में 207 करोड़ का प्रावधान.

▪ ‘राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना‘ में 13 जिलों में 29 सिंचाई उप-परियोजनाओं हेतु 262 करोड़ 40 लाख के जीर्णोद्धार कार्य.

▪ कुल 211 बडे़ बांधों के जीर्णोद्धार हेतु बांध ‘पुनर्वास एवं सुधार परियोजना‘ का प्रस्ताव, कुल 965 करोड़ का व्यय.

▪ सिंचाई सुविधाओं के विकास के लिए 21 जिलों में 517 करोड़ के 55 कार्य शुरू किये जायेंगे.

▪ शहीद बीरबल शाखा प्रणाली में 368 किलामीटर लम्बी नहरों की मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण.

▪ आईजीएनपी की दातोर, नाचना, अवाई, साकडीया प्रणाली एवं नहरों की 480 किलोमीटर लंबाई में मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण.

▪ चौधरी कुम्भाराम लिफ्ट नहर के शेष 20000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा.

पेयजलः

▪ जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के लिए 8 हजार 445 करोड़ का प्रावधान.

▪ 1 हजार 250 गांव-ढाणियों में चरणबद्ध रूप से सौर ऊर्जा चलित डिफ्लोरीडेशन यूनिट.

▪ आवश्यकतानुसार सौर ऊर्जा चलित टेंक सहित टयूबवेल, 200 करोड़ का व्यय.

▪ 390 गांवों को आगामी 4 वर्षों में पाईप लाईन से जोड़ा जायेगा। डीपीआर तैयार कर 25 योजनाओं में कार्य, कुल लागत 950 करोड़.

▪ बाड़मेर एवं झुंझुनूं जिलों में आगामी वर्षों में 2 हजार 918 करोड़ की लागत से 5 परियोजनायें.


▪ राजीव गांधी लिफ्ट केनाल के तृतीय चरण में जोधपुर, बाड़मेर तथा पाली जिलों के 5 कस्बों सहित 2104 गांवों के लिए नवीन परियोजना, कुल लागत 1454 करोड़.

▪ चंबल-अलवर पेयजल परियोजना से अलवर, भरतपुर तथा धौलपुर जिलों के 14 कस्बों एवं 3 हजार 72 गांवों में पेयजल आपूर्ति की परियोजना, लागत 4718 करोड़.

▪ दौसा तथा सवाईमाधोपुर जिलों के 5 कस्बों एवं 124 गांवों को ईसरदा बांध द्वारा पेयजल हेतु परियोजना, लागत 3159 करोड़.

▪ नागौर लिफ्ट पेयजल परियोजना से पंचायत समिति लाडनूं, कुचामन, डेगाना, मेड़ता, रिया, खींवसर, मूंडवा तथा नागौर की 1926 ढ़ाणियों की 3 लाख 15 हजार आबादी के लिए परियोजना.

▪ बीकानेर शहर व पास के 32 गांवों की पेयजल व्यवस्था हेतु नई परियोजना.

▪ हिण्डौली को पेयजल हेतु 650 करोड़ की परियोजना, क्च्त् हेतु 15 करोड़ 50 लाख का प्रावधान.

▪ जोधपुर के दांतीवाड़ा आईजीएनपी वाटर डिस्ट्रीब्यूशन जलाशय से पाली की सोजत तहसील की 10 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जायेगा.

उद्योग:

▪ जयपुर, जोधपुर, कोटा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, नागौर, दौसा एवं सिरोही जिलों में नवीन औद्योगिक क्षेत्र.

▪ नये सीईटीपी की स्थापना और पुराने के अपग्रेडेशन.

एम.एस.एम.ई.

▪ ‘मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना’ में 10 करोड़ तक के ऋण पर ब्याज अनुदान, वर्ष 2019-20 में 50 करोड़ एवं 5 वर्षों में 250 करोड़ का व्यय.

▪ खादी संस्थाओं के रिवोल्विंग फंड की राशि बढ़ाकर 10 करोड़ एवं अवधि 10 वर्ष.

पैट्रोलियम एवं खनिजः

▪ रिफाइनरी को अक्टूबर 2022 तक पूरा करने के निर्देश। रिफाइनरी के उत्पादों पर आधारित उद्योगों हेतु इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रीयल जोन का विकास.

▪ बजरी के लिए ‘राजस्थान एम-सेंड नीति, 2019‘ लायी जायेगी.

▪ अप्रधान खनिज के नियमों का सरलीकरण किया जायेगा.

परिवहनः

▪ ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति‘ लायी जायेगी.

▪ सड़क सुरक्षा निधि से पुलिस विभाग को उपकरण, ट्रोमा सेंटर, ट्रोमा स्टेबलाईजेशन यूनिट व स्किल लैब की स्थापना.

स्थानीय निकाय/स्वायत्त शासन एवं शहरी विकासः

▪ राजस्थान आवासन मण्डल द्वारा 50 प्रतिशत तक की सबसे बड़ी छूट.

▪ जयपुर की वॉल सिटी में मेट्रो शीघ्र प्रारम्भ कर दी जायेगी। मेट्रो द्वितीय चरण के कार्य हेतु संशोधित डीपीआर की तैयारी, 13 हजार करोड़ का व्यय.

▪ डेलावास, जयपुर STP का upgradation, 70MLD के नये संयंत्रों पर 150 करोड़ का व्यय किया जायेगा.

▪ कोटा में चम्बल रिवर फ्रन्ट का कार्य 400 करोड़ की लागत से, 5 करोड़ की लागत से डीपीआर बनाई जायेगी.

▪ भीलवाड़ा में कोठारी नदी पर हाई लेवल ब्रिज, 40 करोड़ की लागत.

भीलवाड़ा के जोधडास चैराहे पर 50 करोड़ की लागत से रेलवे ओवर ब्रिज

▪ उदयपुर शहर की ट्रैफिक समस्या के समाधान हेतु 50 करोड़ के कार्य.

▪ जोधपुर शहर में ऐलिवेटेड रोड एवं आरओबी हेतु डीपीआर.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्यः

▪ राज्य में मौहल्ले/गली में जनता क्लिनिक खोले जायेंगे.

▪ मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना में 104 प्रकार की और दवायें.

▪ मेडिकल कालेज से संबद्ध अस्पतालों में निःशुल्क जांचों की संख्या 70 से बढ़ाकर अब 90

▪ प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार एवं विस्तार के दृष्टिगत- 
➢ राज्य में 200 उप स्वास्थ्य केन्द्र, 5 ट्रोमा सेंटर, 50 पीएचसी खोले जायेंगे।➢ 10 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में क्रमोन्नत किया जायेगा। 
➢ 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में क्रमोन्नत किया जायेगा। 
➢ गंगापुर सिटी-सवाईमाधोपुर के वर्तमान चिकित्सालय को क्रमोन्नत किया जायेगा।

▪ नवजात बालिकाओं को ‘इन्दिरा प्रियदर्शिनी बेबीकिट’.

चिकित्सा शिक्षाः

▪ जोधपुर में 31 करोड़ की लागत से लीनियर एक्सेलेटर मशीन.

▪ मथुरादास माथुर चिकित्सालय, जोधपुर में मल्टी स्टोरी आईसीयू वार्ड का चरणबद्ध रूप से निर्माण.

▪ बीकानेर मेडिकल काॅलेज से संबद्ध अस्पताल में दर्द रहित प्रसव सुविधा के लिए नवीन यूनिट.

▪ श्रीगंगानगर में मेडिकल कालेज पुनः प्रारम्भ

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराजः

▪ गांधी जी की 150वीं जयंती पर ‘महात्मा गांधी संस्थान‘ की स्थापना, जयपुर में ‘गांधी दर्शन म्यूजियम’ का निर्माण, 50 करोड़ का प्रावधान.

▪ ‘राजीव गांधी जल संचय योजना‘ की घोषणा.

▪ गांवों के सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान। नगरपालिका एवं नगर परिषद मुख्यालयों को छोड़कर शेष सभी पंचायत समिति मुख्यालयों पर ‘अम्बेडकर भवन’.

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिताः

▪ पेंशन बढ़ोतरी से 62 लाख से अधिक पेंशनर लाभान्वित, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के लिएउ 8 हजार 970 करोड़ का प्रावधान.

▪ नवीन आवासीय पालनहार छात्रावास की स्थापना.




▪ साइन लेंग्वेज इन्टरप्रेटर टेंनिंग सेंटर की जामडोली-जयपुर में स्थापना.

▪ मानसिक रूग्णता वाले रोगियों हेतु जयपुर व जोधपुर में 50-50 की क्षमता के हाॅफ-वे-होम.

▪ नयी सिलिकोसिस नीति.

▪ जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाना.

▪ मुख्यमंत्री कन्यादान योजना’, 21 हजार की सहायता.

अल्पसंख्यकः

▪ जिला अलवर में राजकीय अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास का संचालन.

▪ मदरसा आधुनिकीकरण योजना को पुनः प्रभावी बनाना.

जनजाति विकासः

▪ जनजाति उपयोजना क्षेत्रों में दो उत्कृष्ट कोचिंग केन्द्र.

▪ जनजाति छात्रा-छात्राओं हेतु 10 करोड़ की लागत से जयपुर में केरियर काउंसलिंग सेंटर.

▪ बेणेश्वर धाम में हाईलेवल पुल हेतु 1 करोड़ की लागत से DPR तैयार करवायी जायेगी.

महिला एवं बाल विकासः

▪ महिला शक्तिकरण के लिए ‘प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी महिला शक्ति निधि’ की 1 हजार करोड़ से स्थापना.

▪ कक्षा 6 से 12 तक के समस्त राजकीय स्कूलों में शारीरिक आत्मरक्षा प्रशिक्षण अनिवार्य.

▪ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि.

शिक्षाः

▪ राजकीय विद्यालयों में सर्वपल्ली राधाकृष्णन विद्यालय सुदृढ़ीकरण योजना में चरणबद्ध रूप से 14 हजार से अधिक कक्षों, 23 नवीन भवनों के निर्माण तथा अन्य मरम्मत, 1 हजार 581 करोड़ का व्यय.

▪ एक नवीन शिक्षा नीति.

▪ इस वित्तीय वर्ष में 50 नये प्राथमिक विद्यालय खोले जायेंगे.

▪ 60 प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक में, 100 उच्च प्राथमिक को माध्यमिक विद्यालय में एवं 500 माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया जायेगा.

उच्च एवं तकनीकी शिक्षाः

▪ दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए ‘मुख्यमन्त्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना‘.

▪ 8 डी—नोटीफाइड महाविद्यालयों को पुनः राजकीय क्षेत्र में प्रारम्भ करने की घोषणा.

▪ राजकीय महाविद्यालय, सूरतगढ़-श्रीगंगानगर का नामकरण स्व. श्री गुरूशरण छाबड़ा राजकीय महाविद्यालय, सूरतगढ़ किये जाने की घोषणा.

▪ भवन विहीन 18 राजकीय महाविद्यालयों में भवन निर्माण.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीः

▪ प्रदेश में बौद्धिक संपदा अधिकार नीति लागू की जायेगी.

कौशल एवं रोजगारः

▪ युवाओं के लिए मैं मुख्यमंत्राी युवा रोजगार योजना में 1 लाख युवाओं को 1 लाख तक के ऋण। योजना में 5 वर्षों में कुल 1 हजार करोड़ के ऋण वितरित किये जायेंगे, इस वर्ष 25 हजार युवाओं को लाभ.

▪ विभिन्न विभागों द्वारा लगभग 75 हजार पदों पर भर्तियां की जायेंगी.

युवा मामले एवं खेलः

▪ उम्मेद स्टेडियम जोधपुर में शैड निर्माण, 2 करोड़ का प्रावधान.

▪ यूथ मोटीवेशन प्रोग्राम.

▪ अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए नवीन पेंशन योजना राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक पाने वाले खिलाड़ियों के लिए नवीन छात्रावृत्ति योजना.

▪ ‘एक उद्यमी-एक खेल योजना‘.

▪ राज्य खेल प्रारंभ करेंगे.

सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचारः

▪ ‘एक नम्बर, एक कार्ड, एक पहचान‘ की विचारधारा के लिए ‘राजस्थान जन-आधार योजना‘, स्वतंत्रा प्राधिकरण का गठन.

▪ 1 हजार से अधिक आबादी के समस्त गाँवों में 6 हजार नये ई-मित्रा केन्द्र खोले सभी 33 जिला, 331 तहसील एवं 180 उप तहसील मुख्यालयों पर ई-मित्र प्लस मशीनों की स्थापना कार्यालय परिसर में.

▪ गांवों में घरों तक फाइबर टू होम सुविधा.

वन एवं पर्यावरणः

▪ गोडावण के प्रभावी संरक्षण हेतु योजना.

▪ ‘पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन निदेशालय‘ का गठन। नई जलवायु परिवर्तन नीति.

पर्यटनः

▪ जयपुर में हैरिटेज वाॅक के लिए एक व्हीकल फ्री जोन.

▪ लोहागढ़-भरतपुर में light and sound show हेतु 2 करोड़ 50 लाख.

कला एवं संस्कृतिः

▪ ‘पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी‘ के गठन.

▪ सवाई मानसिंह टाउन हाल पुरानी विधानसभा, जयपुर में एक विश्वस्तरीय ‘राजस्थान धरोहर संग्रहालय’.

▪ विरासतों के संरक्षण हेतु 22 करोड़ के कार्य.

▪ जयपुर में ‘राजस्थानी लिटरेचर फेस्टिवल’, 2 करोड़ का प्रावधान.

देवस्थानः

▪ मंदिरों की संपदा के रिकार्ड का डिजिटाईजेशन.

▪ वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना में काठमांडू, नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर भी शामिल.

▪ बीपीएल कार्डधारकों को राज्य से बाहर स्थित धर्मशालाओं में निःशुल्क ठहरने की सुविधा.

गृहः


▪ पुलिस थानों में एक स्वागत कक्ष, आगामी 2 वर्षों में प्रत्येक थाने में ब्ब्ज्ट लगाया जायेगा.

▪ Emergency Response Support System (ERSS) को राज्य में चरणबद्ध रूप से लागू.

▪ SOG में 2  specialised अनुसंधान इकाइयां- SFIU तथा CCIU.

▪ जेलों में सुधार हेतु एक हाई-पावर कमेटी.

न्याय प्रशासनः

▪ वर्ष 2019-20 में विभिन्न श्रेणियों के 86 नवीन कोर्ट खोले जायेंगे.

राजस्व एवं सैनिक कल्याणः

▪ शेष रही 207 तहसीलों के राजस्व अभिलेख भी आनलाईन किये जायेंगे.

▪ समस्त तहसीलों के पुराने अभिलेखों को 3 वर्षों में आनलाईन किये जायेंगे.

राजस्व कानूनों का सरलीकरण

▪ 1 अगस्त, 2019 से शौर्य पदक विजेता एवं शहीद आश्रितों हेतु समान व्यवस्था-25 बीघा भूमि या 25 लाख.

▪ कलक्टर के अधीन 1 करोड़ की मुख्यमंत्राी जिला नवाचार निधि.

सहायता एवं नागरिक सुरक्षाः

▪ राज्य स्तरीय ‘राज्य आपात परिचालन केन्द्र‘ की स्थापना। 15 करोड़ का प्रारंभिक व्यय होगा.

▪ 100 अग्निशमन वाहनों हेतु 26 करोड़ का व्यय.

सामान्य प्रशासन एवं प्रशासनिक सुधारः

▪ स्वतंत्रता सेनानियों को सर्किट हाउसेज में ठहरने की सुविधा.

▪ पूर्व विधायकों एवं बोर्ड/काॅर्पोरेशन/अकादमियों/आयोगों के अध्यक्ष रहे व्यक्तियों को सर्किट हाउसेज व राजस्थान हाऊस में ठहरने की सुविधा.

▪ पडिहारा—चूरू, तलवाड़ा—बांसवाड़ा, झुंझुनूं एवं सिरोही की हवाई पट्टियों का अपग्रेडेशन.

▪ भिवाड़ी के पास स्थित कोटकासिम हवाई पटटी का विकास.

▪ एक नवीन सार्वजनिक जवाबदेही कानून.

पत्रकार कल्याणः

▪ राजस्थान वरिष्ठ अधिस्वीकृत पत्राकार पेंशन सम्मान योजना पुनः प्रारंभ की जायेगी

▪ पत्रकार, साहित्यकार एवं कलाकार कोष में 2 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराना.

▪ पत्रकारों, साहित्यकारों एवं लेखकों को भूखंड आवंटन.

▪ अधिवक्ताओं के मुद्दों पर विचारण के लिए मंत्राी समूह का गठन .

कर्मचारी कल्याणः

▪ वेतन विसंगति कमेटी की सिफारिशों पर आवश्यक कार्यवाही.

▪ 17 सीसीए नियमों की प्रक्रिया में बदलाव कर विकेन्द्रीकृत करना.

▪ शासन सचिवालय में अत्याधुनिक प्रतीक्षालय.

▪ Economic Transformation Council का गठन.

बजट 2019-20 के कर प्रस्तावों के महत्वपूर्ण बिन्दू


पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग:


▪ देश के लिये शहीद होने वाले राज्य के शहीदों के आश्रितों के पक्ष में राज्य सरकार या निजी संस्था या व्यक्तियों द्वारा आवंटित/हस्तान्तरित आवासीय भूखण्ड/भवन के दस्तावेज पर स्टाम्प डयूटी एवं पंजीयन शुल्क में सम्पूर्ण छूट दी जायेगी.

▪ पैतृक सम्पत्ति के पारिवारिक समझौते एवं पैतृक सम्पत्ति के बटवारे के दस्तावेजों पर स्टाम्प डयूटी को पूर्णतया माफ किया जायेगा.

▪ स्टार्टअप स्थापित करने के लिये 10 लाख रुपये तक के ऋण दस्तावेजों पर स्टाम्प डयूटी को समाप्त किया जायेगा.

▪ बकाया स्टाम्प डयूटी जमा कराने पर उस पर देय ब्याज एवं पैनल्टी में शत—प्रतिशत छूट के लिए एमनेस्टी योजना लायी जायेगी. 

▪ कम्पनियों के अमलगमेशन एवं डिमर्जर के आदेशों पर स्टाम्प डयूटी की 25 करोड़ रूपये की अधिकतम सीमा को समाप्त किया जायेगा.

▪ ऋण दस्तावेजों पर स्टाम्प डयूटी की दर को 0.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.25 प्रतिशत किया जायेगा तथा इसकी अधिकतम सीमा को 5 लाख रूपये से बढ़ाकर 25 लाख रूपये किया जायेगा.

▪ संकर्म संविदा पर स्टाम्प डयूटी की अधिकतम सीमा 15,000 रूपये को हटाया जायेगा.

वाणिज्यिक कर विभाग:

▪ राजस्थान GST Act में संशोधन कर नवीन प्रावधान जोड़े जायेगे जिससे बकाया रही मांगों के संबंध में व्यवहारियों को राहत देने के लिये:- 
➢ एमनेस्टी योजना लाकर ब्याज, शास्ति एवं विलम्ब शुल्क से छूट दी जायेगी। 
➢ अवार्डर्स द्वारा TDS कटौती करने का प्रमाण-पत्र Form VAT-41 जारी करने का प्रावधान किया जायेगा, जिससे ठेकेदारों को TDS का समायोजन का लाभ मिल सकेगा। 
➢ बिल्डर्स व डवलपर्स द्वारा Lumpsum भुगतान संबंधी विकल्प देने के लिये VAT-69 की सुविधा देकर लाभान्वित किया जायेगा।

▪ ITC Match-Mismatch की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाकर एक अभियान के तहत सत्यापन कर मांगों को कम किया जायेगा.

▪ सौर उर्जा को प्रोत्साहन देने के लिये, विद्युत शुल्क की छूट को दिनांक 01.04.2018 से 31 मार्च, 2020 तक बढ़ाया जायेगा.

▪ GST Appellate Tribunal की बैंच जयपुर एवं जोधपुर में रखे जाने की सिफारिश की जायेगी.

▪ केप्टिव पाॅवर प्लांटस पर विद्युत शुल्क की दर को बढ़ाकर 1.00 रूपये किया जायेगा.

▪ प्राकृतिक गैस पर VAT की दर बढ़ा कर 10 प्रतिशत किया जायेगा.

▪ व्यवहारियों एवं सेवा प्रदाताओं को पहचान दिलाने के लिये ’व्यवहारी एवं सेवा प्रदाता सम्मान योजना’ प्रारम्भ किया जायेगा.

उद्योग विभाग:

▪ दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रीयल काॅरीडोर परियोजना में जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्रा को दूसरे सेन्टर के रूप में विकसित किये जाने हेतु इस क्षेत्र को ‘विशेष निवेश क्षेत्र’ घोषित किया जायेगा तथा क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण का गठन किया जायेगा.

▪ राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019 लाई जायेगी। जिसमें निवेश एवं रोजगार के लिये 7 वर्षों के लिए, देय एवं जमा राज्य की ळैज् का 100 प्रतिशत तक पुनर्भरण किया जायेगा.

▪ संगठित क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए नियोक्ता के द्वारा कर्मचारियों के लिये अदा ईपीएफ अंशदान का पुरूषों के लिये 50 प्रतिशत तथा महिलाओं के लिये 75 प्रतिशत, तक अंशदान का पुनर्भरण एवं नये निवेश पर इलेक्टिंसिटी डयूटी, स्टाम्प डयूटी व मण्डी शुल्क में 100 प्रतिशत तक रियायत दी जायेगी.

परिवहन विभाग:

▪ मोटरवाहन करों के सरलीकरण एवं इनके कम्प्यूटरीकरण करने के उद्देश्य से भार वाहनों के लिये सकल वाहन भार आधारित, संविदा बसों के लिये बैठक क्षमता आधारित तथा स्टैज कैरिज बसों के लिये बैठक क्षमता एवं प्रतिदिन संचालन आधारित मोटर वाहन टैक्स का प्रावधान किया जायेगा.

▪ परिवहन वाहनों पर प्रचलित पथकर एवं विशेष पथकर का एकीकरण कर, ‘मोटर वाहन कर’ के रूप में प्रतिस्थापित किया जायेगा.

▪ एकबारीय कर व एकमुश्त कर एक ही प्रकृति के करों का सरलीकरण करते हुए एकबारीय कर का प्रावधान किया जायेगा.

▪ पंजीकृत होने वाले औसतन 50,000 रूपये मूल्य के 200 सीसी इंजन क्षमता तक के दुपहिया यानों पर लागत का 8 प्रतिशत। औसतन रूपये 1.5 लाख मूल्य के Two Wheelers जो कि 200 सीसी से 500 सीसी तक के यानों पर कीमत का 13 प्रतिशत। औसतन 5 लाख रूपये से 15 लाख रूपये तक मूल्य की 500 सीसी से अधिक क्षमता के  Two Wheelers पर कीमत का 15 प्रतिशत एक बारीय कर लिया जायेगा.

▪ चार पहिया 10 सीट बैठक क्षमता वाले गैर परिवहन यान के लिये देय एकबारीय कर में 2 प्रतिशत वृद्धि की जायेगी.

▪ भारी व्यावसायिक वाहनों पर लगने वाले ग्रीन टैक्स की प्रतिवर्ष देय राशि को फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी करते समय दो वर्ष के लिये लिया जायेगा.

▪ LPG/CNG से संचालित गैर परिवहन एवं परिवहन श्रेणी के वाहनों पर देय एकबारीय कर की राशि में छूट को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जायेगा.

आबकारी विभाग:

▪ मदिरा के अवैध व्यवसाय में शामिल परिवारों को मुख्यधारा में लाने एवं उनके कल्याण के लिये ‘नवजीवन योजना’ को और आगे बढ़ाने के लिये 10 करोड़ रूपये का प्रावधान किया जायेगा.

स्थानीय निकाय/नगरीय विकास एवं आवासन विभाग:

▪ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के ऐतिहासिक अवसर पर सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में अग्रणी एवं अलाभकारी पंजीकृत चेरिटेबल संस्थाओं को राज्य के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में लोक उपयोगी सुविधाओं यथा चिकित्सा सुविधायें, शैक्षणिक सुविधायें, वृद्धाश्रम, अनाथालय, नारी निकेतन, कुष्ठ आश्रम, धर्मशाला, निःशक्तजन केन्द्र, नशामुक्ति केन्द्र, कन्या आश्रम, बाल गृह आदि के विकास को प्रोत्साहित किये जाने की दिशा में इन संस्थाओं को कृषि से अकृषि प्रयोजनार्थ नियमन हेतु निर्धारित प्रीमियम दरों, भू—उपयोग परिवर्तन शुल्क एवं भवन निर्माण अनुज्ञा शुल्क में शतप्रतिशत छूट दी जायेगी.

▪ नगरीय निकायों/नगर विकास न्यासों/राजस्थान आवासन मण्डल/जयपुर, जोधपुर तथा अजमेर विकास प्राधिकरण की बकाया लीज राशि दिनांक 31 दिसम्बर, 2019 तक एकमुश्त जमा कराये जाने पर ब्याज राशि में शतप्रतिशत छूट दे कर आमजन को राहत दी जायेगी.

▪ विकास प्राधिकरणों/नगर विकास न्यासों/राजस्थान आवास मण्डल द्वारा दिनांक 01.01.2001 से आवंटित EWS/LIG आवासों की बकाया किश्तों की राशि आवंटियों द्वारा दिनांक 31 दिसम्बर, 2019 तक एकमुश्त जमा करने पर ब्याज एवं शास्ति में शत.प्रतिशत की छूट दी जायेगी.

जल संसाधन विभाग:

▪ किसानों को 31 मार्च, 2019 तक की बकाया सिंचाई कर की राशि 31 दिसम्बर, 2019 तक एकमुश्त जमा कराये जाने पर ब्याज में शत प्रतिशत छूट दी जायेगी.

राजस्थान कृषि विपणन विभाग:

▪ किसान व व्यापारी हित में मण्डियों में फल एवं सब्जी के क्रय पर 1.50 रूपये प्रति सैकड़ा की दर से उपयोक्ता प्रभार को सम्पूर्ण रूप से समाप्त किया जायेगा.

खान विभाग:

▪ खान विभाग में डेडरेंट, राॅयल्टी, शास्ति, राॅयल्टी वसूली ठेकों, अवैध खनन/निर्गमन/भण्ड़ारण, अल्पावधि अनुमति पत्रा तथा निर्माण विभाग के ठेकेदारों को राहत देने हेतु एमनेस्टी स्कीम लाई जायेगी.

▪ परिवहन विभाग के साॅफ्टवेयर ‘‘वाहन‘‘ तथा खान एवं भू-विज्ञान विभाग के साॅफ्टवेयर ‘‘ई-रवन्ना‘‘ को एकीकृत किया जायेगा। जिससे पारदर्शिता आयेगी, राज्य सरकार की राजस्व की हानि को रोका जा सकेगा तथा ओवरलोडिंग रोके जाने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयेगी.


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