rajasthan gk in hindi- forts of rajasthan (architecture of rajasthan part-4)
राजस्थान का स्थापत्य भाग-4
राजस्थान के प्रमुख दुर्ग
चित्तौड़गढ़ दुर्ग
➤ इसका वास्तविक नाम चित्रकूट हैं।
➤ इसे 7 वीं शताब्दी में चित्रांगद ने बनवाया था। कालान्तर में इसमें निर्माण होते रहे।
➤ 1302 ई. में अल्लाउदीन खिलजी ने रतनसिंह को परास्त कर इस दुर्ग पर अधिकार कर लिया था।
➤ यह दुर्ग 616 फिट ऊँचे एक पठार पर स्थित है इसके 7 दरवाजे हैं।
➤ इसमें पदमिनी महल, गोरा एवं बादल महल, पत्ता की हवेलियाँ, जैमलजी तालाब, मीरा बाई का मन्दिर तथा जैन मन्दिर आदि स्थित हैं।
➤ नौखण्डा विजय स्त्तम्भ इस दुर्ग की सबसे सुन्दर इमारत है।
चुरू का दुर्ग
➤ यह दुर्ग सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है। इसकी पहचान राष्ट्रीय धरोहर के रूप में है।
➤ 1857 के विद्रोह में ठाकुर शिवसिंह ने अंग्रेजों का जमकर मुकाबला किया।
➤ अंग्रेजों के विरूद्ध युद्ध में जब तोप के गोले समाप्त हो गये तो लुहारों ने लोहे के गोले बनाये किन्तु कुछ समय बाद गोले बनाने के लिए शीशा समाप्त हो गया।
➤ ऐसी कहावत है कि साहुकारों एवं जन सामान्य ने ठाकुर को घरों से चांदी लाकर समर्पित कर दी। जब अंग्रेज शत्रु पर चांदी के गोले जाकर गिरे तो शत्रु हैरान रह गया।
➤ इससे बडा़ राष्ट्रीयता का उदाहरण नहीं हो सकता।
जयगढ़
➤ जयपुर का यह दुर्ग गढ़ था।
➤ इसका निर्माण मिर्जा राजा जयसिंह (1620-1667ई.) ने करवाया था।
➤ यह 500 फिट ऊँची पर्वतीय शिखर पर स्थित है।
➤ इसके चारो ओर सुरक्षा के लिए मजबूत चार दीवारी बनायी गयी है।
➤ इसमें शस्त्रागार भी है। यहीं पर जयबाण नामक तोप स्थित है जिसका निर्माण इसी शस्त्रागार में हुआ था।
जालोर दुर्ग
➤ यह दुर्ग दिल्ली-गुजरात जाने वाले मार्ग पर स्थित है।
➤ युद्ध की दृष्टि से यह किला सबसे सुदृढ़ हैं।
➤ अल्लाउदीन खिलजी ने कई वर्षो तक इसकी घेराबन्दी की लेकिन इसमें प्रवेश नहीं कर सका।
➤ बाद में 1314 में कान्हड़दे के आदमियों की गद्दारी से किले का पतन हुआ।
➤ इसका निर्माण कार्य गुर्जर-प्रतिहार राजा नागभटृ प्रथम ने प्रारम्भ किया था। बाद में परमारों ने इसे पूरा करवाया।
➤ स्वतन्त्रता आन्दोलन के समय मथुरादास माथुर, फतहराज जोशी, गणेशीलाल व्यास तथा तुलसीदास राठी आदि नेताओं को इस दुर्ग में नजरबन्द किया था।काम के नोट्स:
राजस्थान की चित्रकला