Header Ads

Rajasthan GK-Rajasthan current gk weekly (25 October- 1 November)

‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस‘ में डीआईपीपी ने राजस्थान अग्रणी

भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्टि्रयल पॉलिसी प्रमोशन (डीआईपीपी) द्वारा जारी 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) रैंकिंग' में राजस्थान को 'बिजनेस रिफॉर्म्स' शुरू करने एवं लागू करने में अनेक भारतीय राज्यों से अग्रणीय घोषित किया है। विश्व बैंक और डीआईपीपी द्वारा संयुक्त रूप किये गये इस मूल्यांकन में देश के 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में राजस्थान को शीर्ष राज्यों में से एक में सूचीबद्ध किया गया है। यह मूल्यांकन राज्यों द्वारा डीआईपीपी के वर्ष 2015-16 के 340 बिंदुओं वाले ‘बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान‘ (बीआरएपी) के क्रियान्वयन पर आधारित है। राजस्थान द्वारा ‘बीआरएपी‘ के 96.43 प्रतिशत बिंदुओं को लागू किया गया था, जबकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों ने 98.78 प्रतिशत स्कोर के साथ शीर्ष रैंकिंग प्राप्त की। राजस्थान का स्कोर राष्ट्रीय औसत 48.93 प्रतिशत की तुलना में काफी अधिक है। इसके साथ ही राजस्थान 'लीडर केटेगरी' में आ गया है जबकि गत वर्ष राज्य की 'अस्पाइरिंग लीडर' की रैंकिंग थी। राजस्थान के स्कोर में गत वर्ष से 30 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है और राजस्थान के चार 'रिफॉर्म्स' को राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणालियों के रूप में मान्यता दी गई है। राज्य की चार 'रिफॉर्म्स' को राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम कार्यप्रणालियां माना गया है। ये हैं - सभी शहरी क्षेत्रों के लिए कानूनी रूप से मान्य मास्टर प्लान / जोनल प्लान / भूमि के उपयोग का प्लान। इसके अलावा केंद्र के 10 सर्वाधिक महत्वपूर्ण सुधार क्षेत्रों में से 9 लागू करने के लिए राजस्थान को देश के शीर्ष 5 राज्यों में मान्यता दी गई है। ये ‘रिफॉर्म्स‘ हैं - निर्माण कार्य की अनुमति, पर्यावरण पंजीकरण, श्रम अधिनियम, बिजली कनेक्शन प्राप्त करना, टैक्स रिटर्न ऑनलाइन दाखिल करना, निरीक्षण, जानकारी तक पहुंच एवं पारदर्शिता, सिगल ऋृवडो क्लियरेंस तथा वाणिज्यिक विवाद समाधान। व्यापार सुधारों में राज्य का प्रदर्शन सम्पूर्ण भारत के अन्य राज्यों से काफी बेहतर रहा है। इस मूल्यांकन से आगामी 'रिफॉर्म्स' के क्षेत्रों की पहचान हुई है।

जयपुर में ब्रिक्स समूह देशों के राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रमुखों की बैठक

भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 3 एवं 4 नवम्बर, 2016 को  जयपुर में ’’ब्रिक्स’’ देशों के राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रमुखों की आठवीं बैठक का आयोजन किया जा रहा है। बैठक में  ब्रिक्स ग्रुप सदस्य देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रमुख भाग लेंगे। ब्रिक्स समूह में विश्व की पाँच प्रमुख अर्थ व्यवस्था वाले देश सम्मिलित हैं, जिनमें विश्व की कुल आबादी की 43 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। इन देशों का विश्व सकल घरेलू उत्पाद का 30 प्रतिशत और विश्व व्यापार में 17 प्रतिशत हिस्सा है। भारतीय दल की अध्यक्षता केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय के महानिदेशक डॉ. जी.सी.मन्ना करेंगे। इस वर्ष यह बैठक सकल घरेलू उत्पाद में औद्योगिक क्षेत्र के उपलब्धियों (Performance) के आंकलन हेतु सांख्यिकीय मापन विषय पर आयोजित की जा रही है। बैठक में सभी सदस्य देशों के सांख्यिकी प्रमुखों द्वारा औद्योगिक क्षेत्र के आंकलन की सांख्यिकीय मापन प्रणाली पर प्रस्तुतिकरण भी दिए जाएंगे।

नगरीय निकायों में 31 अक्टूबर, 2016 को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया

सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस 31 अक्टूबर, 2016 को राजस्थान के सभी नगरीय निकायों में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया। इस संबंध में केन्द्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय निर्देश दिये थे। राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर सभी नगरीय निकायों में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय एकता शपथ भी सभी उपस्थित नागरिकों को दिलवायी गई।

देश में सीएसआर फण्ड की वृद्धि में राजस्थान दूसरे स्थान पर

राज्य में कॉरपोरेट्स द्वारा किये गये सामाजिक दायित्व के सम्बन्ध में प्राईम डाटा बेस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 में सीएसआर फण्ड में राशि 466.64 करोड़ रुपये खर्च की गयी, जो कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में खर्च की गयी राशि 317.07 करोड़ रुपये से 149.56 करोड़ अधिक है। इस दृष्टि से राजस्थान का आन्ध्र प्रदेश के बाद देश में दूसरा स्थान है।     प्राइम डेटा बेस द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार सर्वाधिक सीएसआर प्राप्त करने वाले देश के 10 प्रमुख राज्यों में राजस्थान का चौथा स्थान है। राज्य द्वारा 466.64 करोड़ रुपये सीएसआर फण्ड प्राप्त किया गया है, जो कि देश के कुल सीएसआर का 5.60 प्रतिशत है। इसी प्रकार अध्ययन के अनुसार भारत में कॉरपोरेट्स द्वारा सामाजिक दायित्व हेतु किये गये निवेश में एक महत्वपूर्ण वृद्धि वित्तीय वर्ष 2015-16 में देखी गयी है, जिसके द्वारा शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सर्वाधिक निवेश प्राप्त हुआ है। प्राप्त डेटा के अनुसार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध लगभग 920 कम्पनियों द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में 8345 करोड़ रुपये सामाजिक दायित्व हेतु निवेश किये गये, जो कि गत वित्तीय वर्ष 2014-15 से 28 प्रतिशत अधिक है। अध्ययन के अनुसार सीएसआर के अन्तर्गत दिये गये योगदान में सर्वाधिक बढ़ोतरी 418 प्रतिशत प्रधानमंत्री आपदा कोष में प्राप्त हुई। यह राशि वित्तीय वर्ष 2014-15 में प्राप्त 168 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2015-16 में 701 करोड़ रुपये हो गई । उल्लेखनीय है कि नये कम्पनी एक्ट के प्रावधानानुसार जिस भी कम्पनी की कुल शुद्ध सम्पति 500 करोड़ रुपये या अधिक हो अथवा कम्पनी का राजस्व 1000 करोड़ रुपये या अधिक हो, या शुद्ध लाभ 5 करोड़ रुपये से अधिक हो के द्वारा सामाजिक दायित्व हेतु गत तीन वित्तीय वर्षों के औसत शुद्ध लाभ का 2 प्रतिशत सीएसआर में देय होगा।
सभी नोट्स डाउनलोड करने के लिये क्लिक करें:
Powered by Blogger.